1 कुरिन्थी 4:4 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान4 किल्हैकि मुखा निं आप्पू दी कोही बी गल्ला दी दोश शुझदअ, पर इहै करै निं हुंह शुचअ हई सकदअ, किल्हैकि मुंह परखणैं आल़अ आसा मेरअ प्रभू। (भज़न 19:12) Faic an caibideilकुल्वी4 किबैकि मेरा मन मुँभै कोई भी गैला न दोषी नैंई ठहरांदा, पर ऐथा न हांऊँ निर्दोष नैंई ठहरदा, किबैकि मेरा परेखणु आल़ा प्रभु सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम4 किबेकि मेरा मन महा कासी भी गला में दोषी नांई ठहराउद, किबेकी एताका हाऊ निर्दोष नांई हुन्दअ किबेकि महा परेखण आलअ प्रभु साहा। Faic an caibideil |