1 कुरिन्थी 4:3 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान3 आप्पू बाखा निं हुंह एसा गल्ले फिकर करदअ कि तम्हैं या कुंण होर मणछ मुंह परखी लए कि हुंह भरोस्सैमंद आसा कि नांईं। हुंह निं आप्पू लै बोलदअ कि हुंह भरोस्सैमंद आसा कि नांईं। Faic an caibideilकुल्वी3 पर मेरी नज़रा न ऐ बड़ी होछ़ी गैल सा, कि तुसै या मांहणु रा कोई न्याय केरनु आल़ा मुँभै परेखे, किबैकि हांऊँ आपुऐ आपणै आपा बै नैंई परेखदा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम3 पर मेरी नजरा में यह बहू ओछी गल साहा कि तमे या होर मणशा रअ न्यायी महा परेखे पर हाऊं आपणे आपा वै आपे नांई परेखदअ। Faic an caibideil |