1 कुरिन्थी 4:21 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान21 तम्हैं कै च़ाहा कि ज़ेभै हुंह तम्हां सेटा लै एछूं तेभै हुंह कै करूं? ज़ै तम्हैं अज़ी बी आपणीं बूरी बात निं छ़ाडी, तै हुऐ मुंह तम्हैं नैरनै। ज़ै तम्हैं बूरी बात छ़ाडी होए ता; तै करनी मुंह तम्हां संघै झींण और झ़ूरी संघै गल्ला। Faic an caibideilकुल्वी21 तुसै कि चाहा सी? कि हांऊँ शोठे लेइया तुसा हागै एनु या झ़ुरी या नम्रता री आत्मा सैंघै? Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम21 तमे कैह चाहन्दा? कैह हाऊं डाहुले आणी करे तमा सेटा ईछु या प्रेम होर नम्रता री आत्मा संघे। Faic an caibideil |