1 कुरिन्थी 15:44 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान44 ज़ेही म्हारी मणछे देही आसा, तेही आसा होर देही बी ज़ेता परमेशरे पबित्र आत्मां करै भेटा ज़िन्दगी। म्हारी मासा और लोहू करै बणीं दी देही बधल़णीं तिन्नां देहीए रुपा दी ज़ेता परमेशरे पबित्र आत्मां करै ज़िन्दगी भेटा। Faic an caibideilकुल्वी44 ज़ैबै शरीरा बै पौथा सी सौ एक आम मांहणु रा शरीर होआ सा होर अगर ज़ो ज़िन्दा होआ सा सौ एक आत्मिक शरीर होआ सा। ज़ैण्ढी तैरहा आम शरीर सा तैण्ढाऐ एक होर शरीर सा तेथा बै पवित्र आत्मा पूरी तैरहा काबू केरा सा Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम44 स्वाभाविक शरीर बोउंदा, होर आत्मिक शरीर जिऊंदअ हुंदा जेबा कि स्वाभाविक शरीर होर आत्मिक शरीर एक साहा। Faic an caibideil |