1 कुरिन्थी 15:32 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान32 इधी इफिसुस नगरी आसा मेरै दुशमण बणें ज़ीबा ज़िहै ज़ुंण मुंह बरैबाद च़ाहा करनअ। ज़ै मुंह एऊ संसारै ई भेटणअ फल ता; तै कै ज़रुरत पल़ी मुंह एतरै दुख ज़िरने! ज़ै अह ई गल्ल आसा शुची कि खिरी निं हुंह मरी करै भी ज़िऊंदअ हणअ ता; तै आसा अह गल्ल ई ठीक ज़िहअ बोला, (याशायाह 22:13) “एछा खाआ-पिआ मौज़ करा, किल्हैकि काल्ला ता हाम्हां मरनअ लागणअ।” Faic an caibideilकुल्वी32 अगर हांऊँ मांहणु री रीति पैंधै इफिसुस शैहरा न बौणै रै पशु सांही मांहणु सैंघै लड़नू ता मेरी तैंईंयैं कि फायदा होंणा? अगर मुर्दै ज़िन्दै होंदै, “ता एज़ा, खा-पिया, किबैकि काल ता मौरणाऐ सा।” Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम32 अगर हाऊं मणशा री रीति पेन्दे इफिसुस में बन पशु संघे लडू तेबा महा केह फायदा? अगर मुएदे जिऊंदे नांई हुणे, तेबा इच्छा खाणा पीणा किबेकि काला एडे भी मरणा। Faic an caibideil |