1 कुरिन्थी 14:7 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान7 ठीक इहअ ई, ज़ांऊं तम्हैं गाणैं-बज़ाणें साज़-बाज़ा ज़िहअ, बशूरी और बींन, ज़ै इना दुही बाज़णें धुना दी फरक नां होए, तै किहअ करै लागणअ लोगा का थोघ कि बशूरी बाज़ी कि बींन? Faic an caibideilकुल्वी7 ऐण्ढी तैरहा अगर बाजै री चीज़ा, ज़ुण आवाज़ खोला सी ज़ैण्ढै कि बांसुरी, होर बीण, अगर तिन्हां रै सूरा रा भेद नी होन्दा ता ज़ो फुकरा सी, सौ किंहाँ पछियाणना ती? Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम7 एउ सावै अगर निरजीब चीज जसुका छेड हुन्दा, जेड़ा की बशुरी, या बीण अगर तेऊरी आबजा में भेद नांई हो, तेबा जोह यह फुकरे या बाजे तेबा तेऊ यह केई सावै पछैणणां? Faic an caibideil |