1 कुरिन्थी 14:18 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान18 हुंह करा आपणैं परमेशरो शूकर कि हुंह आसा होरी रंगे भाषा बोल़णा लै थारअ गूरू पै। Faic an caibideilकुल्वी18 हांऊँ आपणै परमेश्वरै रा धन्यवाद केरा सा, कि हांऊँ तुसा सैभी न ज़ादा दुज़ी-दुज़ी भाषा न बोला सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम18 हाऊं आपणे परमेश्वरा रा धन्यवाद करां कि हाऊं सभी का बहु होरी भाषा में बोला। Faic an caibideil |
पर तज़ी बी, ज़ै हुंह मंडल़ी दी खास्सै विश्वासी मांझ़ै होए ता हुंह निं होरी रंगे भाषा बोलदअ किल्हैकि पाखली बोली ज़ुंण कोहै निं समझ़ी सकदअ तेथ बोलै होए मंऐं दस हज़ारा बैण पर तिंयां निं कोही समझ़ आऐ कि मंऐं कै बोलअ! तेता का आसा मेरै बोलै दै तिंयां पांज़ बोल ई भलै ज़ुंण लोगा समझ़ एछे और ज़ेता करै तिन्नां शिक्षा भेटे।
पर हुंह च़ाहा कि तम्हैं कई रंगे बोली बोले, पर एता का खास्सअ च़ाहा हुंह इहअ कि तम्हैं तिन्नां गल्ला खोज़ा ज़ुंण पबित्र आत्मां प्रगट करा किल्हैकि, ज़ै कुंण विश्वासी होरी रंगे बोली बोला और ज़ै मंडल़ी दी विश्वासीओ विश्वास पाक्कअ हणां लै तेतो मतलब नां खोज़े ता एता का बित्तअ आसा मंडल़ी दी परमेशरो बैण खोज़णअ ज़ुंण पबित्र आत्मां किअ प्रगट।