1 कुरिन्थी 12:31 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान31 नां हाम्हैं सोभै होरी भाषा दी तेतो मतलब खोज़ी सकदै। तम्हैं लोल़ी सोभी का खास्सी मज़त करनै आल़अ बरदान मांगअ। पर हुंह खोज़ूं तम्हां का इना मांझ़ै सोभी का बित्तअ किज़ै आसा। Faic an caibideilकुल्वी31 सैभे मांहणु अनुवाद नी केरी सकदै। तुसै बड़ै न बड़ै वरदाना री धुना न रौहा! पर हांऊँ तुसाबै होर भी सैभी न शोभली बौत दसा सा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम31 कैह सवै भाषा समझा? तमे बडे का बडे वरदाना री धूना में रहा, पर माँह तमावै होर भी शोभली गला खोजणी। Faic an caibideil |