1 कुरिन्थी 11:21 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान21 कै हआ कि तम्हैं हेरा होरी संघै साझ़ू करनै का पैहलै ई रोटी खाई और एतो नतिज़अ हआ इहअ कि कोई हआ अज़ी भुखै और कोई हआ अंगूर रस झुटी राल़ै-मताल़ै। Faic an caibideilकुल्वी21 किबैकि तुसा मौंझ़ै न किछ़ लोका दुज़ै सैंघै खाँणा बोंडणै रै बदलै आपु ही छ़ेकै-छ़ेकै खा सी, ऐई बजहा न किछ़ लोका भूखै रौहा सी होर किछ़ ता शराबी होआ सी। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम21 किबेकि खाणे रा वक्त एकी दूजे का पहिले आपणा धाम खांदा एउ सावै कुण रजा कुण भोछ रहदा। Faic an caibideil |
ज़ेही पाणीं जैंदरी गुप्त टोल्हा का किश्ती खातरअ हआ, तिहअ आसा तम्हां बी इना लोगा का खातरअ ज़ुंण तम्हां मांझ़ै खुशीए भोज़ा दी एछा। तिन्नों बभार आसा एऊ भोज़ा लै शर्मिंदै करनै आल़अ, पर नां तिन्नां हैल़अ फिरदअ। तिंयां आसा इहै फुआल ज़ुंण सिधी आपणीं हेर-सभाल़ करा। तिंयां निं होरी लोगे मज़त करदै। तिंयां आसा इहै बादल़ ज़ुंण बागरी करै शुक्की ज़िम्मीं प्रैंदा का बाझ़ी बरशै डेओआ दूर। तिंयां दैणा लै ता बोला खास्सअ पर दैंदै निं आथी। तिंयां आसा इहै डाल़ बूट ज़ुंण फल़ा दैणें ऋता दी फल़ निं दैंदै। तिंयां आसा इहै बूट ज़ुंण गोधी का आसा पेछ़ुऐ दै, तिंयां आसा पठी मूंऐं दै। (2 पतरस 2:17; युहन्ना 15:4-6; इफिसी 4:14)