1 कुरिन्थी 10:14 - बाघली सराज़ी नऊंअ बधान14 ए मेरै पैरै भाईओ, मुर्ति पूज़ा निं करी, तेते भगती करनै का रहै तम्हैं बच़दै। Faic an caibideilकुल्वी14 तेसा बजहा न, ओ मेरै प्यारो मूर्तिपूजा न बचिया रौहा। Faic an caibideilईनर सराजी मे नया नियम14 तेबा मेरे प्यारे भाईयो मूर्ति पूजा का बचा। Faic an caibideil |
तम्हैं समझ़अ हणअ एभै तैणीं इहअ कि हाम्हैं आसा लागै दै थारै सम्हनै आपणीं गल्ले सफाई दैंदै। एसा गल्ला ज़ाणा परमेशर आप्पै कि हुंह खोज़ा परमेशरो बैण शुचै मनैं और मसीहे हका करै इहअ सोठी करै कि परमेशर आसा हाम्हां भाल़अ लागअ द। ए मेरै पैरै भाईओ, मंऐं लिखी तम्हां लै हर गल्ला थारी भलाईए तैणीं ताकि तम्हैं विश्वासा दी मज़बूत होए।
“पर मुखा शुझुई ताह दी एही गलती कि ताह सेटा आसा कई इहै, तूह निं तिन्नां लोगा आप्पू का दूर करदी ज़ुंण बलाम गूरा ज़ेही झ़ुठी शिक्षा दैआ। बलाम गूरै किऐ तै बलाक राज़ै का बोली करै इस्राएली लोग पाप करना लै मज़बूर। तेऊ दैनी ती तिन्नां लै मुर्ति सेटा किऐ दै बल़ीदान की दी च़िज़ा खाणें शिक्षा और कंज़रैई दी ज़िऊंणां लै। (2 पतरस 2:15; गणांई 31:16)
“पर ज़ुंण मुंह दी भरोस्सअ नांईं डाहे, तिंयां पाणै ज़ोरा-ज़ोरी तेऊ समुंदरा दी ज़ुंण गंधका करै ज़ल़ा, सह आसा दुजी मौत। अह इहअ नतिज़अ हणअ तिन्नां लोगो बी ज़ुंण होरी लोगा सम्हनै मेरअ नांअ लणै का डरा, ज़ुंण बूरै काम करा, ज़ुंण होरी मारी पाआ, ज़ुंण कंज़रैई करा, ज़ुंण ज़ादू करा, मुर्तिए पूज़ा करा और झ़ुठअ बोला।” (1 कुरिन्थी 6:9-10; इफिसी 5:5)