सो मन फिराव चे जोगा फल आणा, ते आपणे आपणे मना मां ईं ना सोचा, ‘अम्चा ब़ा अब्राहम छै,’ कांकि मैं तम्हानु किहे पला कि नरीकार यां पत्थरा महु अब्राहम वास्ते ऊलाद्ध पैदा कर सग़े।
ऐवास्ते अगर अम्चा अधर्म नरीकारा ची धार्मिकता ठहराती ङिये, ते अम्ही का किहुं? का ईं कि नरीकार जको क्रोध करे अन्यायी छै? ईं तां मैं इन्साना चे नजरीये लारे किहे पला।
येही वजह कनु वायदा विश्वासा उपर टिकला आला छै, ते हा सेंत मेंत मां मिले, वां सारे वंशा वास्ते पक्के हो, ना कि सेर्फ ओचे वास्ते जको व्यवस्था आले छी, बल्कि वांचे वास्ते वी जको अब्राहम चे समान विश्वासा आले छी, ओही तां अम्चा सब चा ब़ा छै।
तां अम्ही का किहुं? का व्यवस्था पाप छै? कङी वी कोनी! बल्कि बिना व्यवस्था चे मैं पापा नु ना पिछाणी, व्यवस्था अगर ना किहा कि, “लालच ना कर” तां मैं लालच नु ना जाणेहा।