बल्ति ईशु ने मन्दरा मां उपदेश ङिते बेले ऊंची अवाजी मां केहले, “तम्ही किहा कि मनु जाणा, ते ईं वी कि मैं किठला छै। पर मैं तां आपणे आप कोनी आला, मनु भेज़णे आला सच्चा छै। ओनु तम्ही ना जाणा।
तब चौबीस प्राचीन सिंहासना उपर ब़ेसणे आले चे सामणे ढेती पड़े ते ओनु जको युग-युग जीता छै प्रणाम करे ते आपणे आपणे मुग़ट सिंहासन चे सामणे ईं केहते हुले नाखे पती,
ऐचे उपर वां प्राचीना महु हेके ने मनु केहले, “ना रो। ङेख, यहूदा ची जाति चा ओ सिंह जको दाऊद ची ज़हड़ छै वे किताबे नु खोलणे ते विचीया सात मोहरा तरोड़ने वास्ते जयवन्त हुला।”
ऐचे बाद मैं नजर करली, ते ङेखा, हर हेक जाति, ते कोल्ल, ते लौक ते भाषा महु हेक इसड़ी बङी भीड़, जानु कुई गेण ना सग़ते। चिट्टी ओढ़णी घाली आले ते आपणे हाथा मां खज्जी चा लड़ीया चले हुले सिंहासना चे सामणे ते मैमणे चे सामणे भिली।