11 ते सारे स्वर्ग़दूत, ओ सिंहासन ते प्राचीना ते चाहरी जीते जींया चे चुधारु भिले ले। बल्ति वे सिंहासना चे सामणे मत्थे टेकले ते नरीकारा नु ङण्डवत करती कर केहले,
हे प्रभु दुधे कनु कूण नी ङरी? ते दुधे नांवा ची महिमा कूण नी करी? कांकि सेर्फ तु ही पवित्र छी, ते सारीया जातिया आती कर दुधे सामणे ङण्डवत करे, कांकि दुधे न्यां चे काम उजागर हुती गेले।”
ते ओणे मनु केहले, “ङेख, तु इसड़े ना कर। कांकि मैं दुधा ते दुधे भावां चा ते भविष्यवक्ता चा ते ये किताबे चा बाता नु मनणे आला लारे चा दास छै। नरीकारा नु ही ङण्डवत कर।”
तब चौबीस प्राचीन सिंहासना उपर ब़ेसणे आले चे सामणे ढेती पड़े ते ओनु जको युग-युग जीता छै प्रणाम करे ते आपणे आपणे मुग़ट सिंहासन चे सामणे ईं केहते हुले नाखे पती,
ते ओ सिंहासन चे सामणे मना बिल्लौर आलीकर शीशे चा समुन्दर छै। सिंहासन चे आधे मां ते सिंहासन चे चारो-तरफ चार जीती जींये छी जाये आग़ु-भांसु आँख ही आँख छी।
चऊं जींया चे छाऔ-छाऔ खांपे छी, ते चारो-तरफ ते भीतर आँख ही आँख छी, ते वे रात-ङिओ बिना आराम करले ईं केहते रिही, “पवित्र, पवित्र, पवित्र प्रभु नरीकार सर्वशक्तिमान, जको हुता ते जको छै ते जको आणे आला छै।”