का हुले अगर नरीकारा ने आपणा क्रोध ङिखाणने ते आपणी सामर्थ प्रकट करने ची इच्छा लारे क्रोध चे ठांवा ची, जको विनाश वास्ते तियार करली गेली हुती, बङे सब्रा लारे सहन करती गेले,
प्रभु आपणे वायदे चे बारे मां देर ना करी जिसड़ी देर कोच्छ लौक समझे पर तम्चे बारे मां तसल्ली करे, ते ना चाहवी कि कुई नाश हो बल्कि ईं कि सब नु मन फिरावणे चा मौका मिलो।