28 ऐवास्ते मैं ओनु होर वी जल्दी भेज़े पला ताकि तम्ही ओनु ङेखा हेक वारी बल्ति खौश हुती जावा ते माये ङोख वी कम हुती जाओ।
यूंही, तम्हानु वी ङोख हुवी, पर मैं तम्हानु बल्ति मिली तम्चे मन खुशी लारे भरीती जई, तम्ची खुशी कुई वी तम्हा कनु खौश ना सग़ी।
वे खास करती कर ये बाते चा ङोख करी पलते, जको पौलुस ने वानु केहले हुते कि तम्ही माये मुँह बल्ति नी ङेखा। तब वाणे ओनु जहाजा तक पुचाले।
ते मैं हा बात तम्हानु ऐवास्ते लिखली हुती, कि कङी इसड़े ना हो, कि माये आवणे उपर, जाये कनु खुशी मिलणी चाही छै, मैं वांचे कनु उदास हुवे। कांकि मनु तम्चे सारा उपर ये बाते चा भरोसा छै कि, जको माई खुशी छै, वा तम्चे सारा ची वी हो।
ऐवास्ते तम्ही प्रभु मां ओचे लारे घणी खुशी लारे ओचा स्वागत करा, ते इसड़ा बन्दा चा ज्यादा कनु ज्यादा कद्दर करले करा।
ते दुधे हींजवा नु याद करती कर रात-ङिओ दुधे लारे मिलणे ची लालसा राखे कि खुशी लारे भरीती जाये।