अन्ताकिया शहर मां कोच्छ ङिहें रेहती कर, ओ उठु टुरला ते शहर-शहर यात्रा करता हुला सारे गलातिया प्रदेस ते फ्रूगिया इलाके मां सारा चैला नु पक्के करता फिरला।
माये केहणे ईं छै वा असतरी जिसड़ी छै वा अगर इसड़ी ही रिहो तां वा होर वी धन्न छै। मैं ऐ विश्वासा लारे किहे पला कि माये मां वी नरीकारा ची आत्मा वास करे पली।