ते अगर कुई बांढी ची ब़ाले-ब़च्ची जा ङोहत्रे पोत्रे हो, तां वे सारा महु पेहले आपणे ही घराणे चे लारे भग़ती चा बर्ताव करो, ते आपणे आई-ब़ा ची सेवा करती कर वांचा बदला चुकाओ, कांकि ईं नरीकारा नु भावे।
पर अगर गन्दे कामा चे वजह तम्हानु कोटले मारले जाये, ते तम्ही ओनु सहन करा तां ते ऐचे मां बढ़ाई ची का बात छै? अगर तम्हानु तम्चे आच्छे कामा चे वास्ते सताले जाये तां नरीकारा चे सामणे बढ़ाई चे लायक छै।
तम्ही वी आप जीते पत्थरा आलीकर आत्मिक घर बणते जावा पले, जाये कनु याजका चा पवित्र समाज बणती कर, इसड़े आत्मिक बलिदान चढ़ावा, जको ईशु मसीह चे जरिये नरीकारा नु ग्रहण हो।