जब ओ जैतून पहाड़ा उपर ब़ेहला हुता, तां चैला ने हेकले मां ओचे गोढु आती कर केहले, “अम्हानु बावड़ कि ये बाता कङण हुवे? दुधे आवणे ची ते संसारा चे अन्त ची का निशानी हुवी?”
ओणे वानु उत्तर ङिला, “एलिय्याह सच्चमां पेहले आती कर सब कोच्छ सुधारी, पर मैं इन्सान चे पूता चे बारे मां ईं कां लिखले पले कि ओ ब़ोहत ङोख चवी, ते तोच्छ गिणला जई।