23 पर मूर्खता, ऐ बुरे संसारा ची बहस-बाजी कनु दूर रेह, कांकि तु जाणी, कि याकनु झग़ड़े हुवी।
ते वे इसड़ीया मनघड़न्त कहाणीया ते बेअन्त पीढ़ीया उपर मन ना लावा, जाये कनु लड़ाई-झगडे़ हुवी, ते नरीकारा ची वा इच्छा चे अनुसार कोनी, जको विश्वास लारे ही पुरी हो सग़े, यूंही ही मैं बल्ति किहे पला।
पर अशुद्ध ते ब़ुढीया जिसड़ी कहाणीया कनु अलग़ रेह, ते भग़ती नु साधना कर।
यां बाता ची याद वानु ङिवा ते प्रभु चे सामणे चिताती ङे कि अक्षरा उपर बहस-बाजी ना करले करो, जाये कनु कहीं फायदा ना हुवी बल्कि सुणने आले बिगड़ती जई।
पर संसारा चे गन्दे बकवास कनु बचला रेह, कांकि ये बाता बन्दा नु नरीकारा कनु दूर करी।
पर मूर्खता चे लफड़े कनु, ते वंशावलीया, ते बैर विरोध, ते वां झग़ड़ा कनु, जको व्यवस्था चे बारे हो बचला रिहो। कांकि वे निष्फल ते बेकार छी।
तम्चे बीच मां लड़ाई झग़ड़े कां हुवी? का सोख-विलास कनु कोनी जको तम्चे शरीरा चे अंगा मां लड़ते-भिड़ते रिही?