“पर ये बाता मैं ऐवास्ते तम्हानु केहलीया, कि जिसे बेले वांचा समय आवी तां तम्हानु याद आवी कि मैं तम्हानु पेहले ही केहती ङिले। मैं शुरु कनु तम्हानु ये बाता ऐवास्ते कोनी केहलीया कांकि मैं तम्चे लारे हुता,
जलन, नशा खोरी, असतरीगमन, ते यांचे जिसड़ी नेरी-नेरी कामे वी छिती, यांचे बारे मां मैं तम्हानु पेहले केहती ङिये कि इसड़े-इसड़े काम करने आले नरीकारा चे राज़ चे वारिस ना हो सग़ी