2 कांकि अगर मैं तम्हानु उदास करे तां मनु खौश करने आला कूण हुवी? सेर्फ तम्ही जानु मैं उदास करे।
पर ओ जवान ईं सुणती कर उदास हुला ते चाह्ला गेला, कांकि ओ ब़ोहत धनवान हुता।
खौश हुवणे आला लारे खौश रिहा, ते रोवणे आला लारे रोवा।
ऐवास्ते अगर हेके अंगा नु ङोख आवे तां ओचे लारे सारे अंग नु ङोख हुवे। अगर हेके अंग ची बढ़ाई हुवे तां ओचे लारे सारे अंग खुशी मनावी।
तम्ही अम्हानु पुरी तरह समझ सग़ा, ताकि तम्ही अम्चे उपर गर्व कर सग़ा यूंही प्रभु ईशु चा बल्ति आवणे चा ङिओ, अम्ही तम्चे उपर गर्व करु।
कूण कमजोर छै, जाई कमजोरी चा अहसास मनु ना हुवी? का काये पाप मां ढेणे लारे माये जी नी ङुखी?
कांकि अगर मैं आपणी चिठ्ठी लारे तम्हानु ङुखी करले, पर ओचे कनु ना पछतावी जिंवे कि पेहले पछताता। कांकि मैं ङेखे, कि वे चिठ्ठी लारे तम्हानु ङोख तां हुले पर ऊं थोड़ी देरी वास्ते हुते।