“पर वां नेरीया जातिया चे बारे मां जेह्णे विश्वास करला, अम्ही हा फैंसला करती कर लिखती भेज़ले कि ‘मूर्तिया उपर चढ़ले आले खाणे तम्हानु नी खाणे चाही छै। गिच्ची घुटले आली मवेशी चा मांस खाणे कनु दूर रिहा ते वांचे लुहीं ना पीयो। ते व्यभिचार कनु बचले रिहा।’ ”
जको कुई किसे ङिहां नु मने, वे प्रभु वास्ते मने, जको कुई सब कोच्छ खाये, वे प्रभु वास्ते सब कोच्छ खाये, कांकि वे नरीकारा चा धन्यवाद करी, ते जको कुई कोच्छ चीज ना खई, वे प्रभु वास्ते ना खई, वे वी नरीकारा चा धन्यवाद करी।
जको बीहा करने कनु रोके, ते खाणे ची कोच्छ चीजा कनु दूर रेहणे ची आज्ञा ङिये, जानु नरीकारा ने ऐवास्ते रचले कि विश्वास करने आला, ते सच्च नु पिछाणने आले वानु धन्यवाद चे लारे खाये।