11 असतरीया नु चोप-चाप करती कर पुरे बसा मां हुती सिखणे चाही छै।
मैं चाहवें कि तम्ही ये बाते नु समझती गिहा कि हर-हेक मर्दा चे ठोङ मसीह छै ते असतरी चे ठोङ मर्द छै ते मसीह चे ठोङ नरीकार छै।
हे घराआलीया, जिंवे प्रभु मां वाजिब छै, यूंही आपणे-आपणे मुणसा चे अधीन रिहा।
पर भले कामा चे लारे, कांकि नरीकारा ची भग़ती ग्रहण करने आलीया असतरीया नु ईं वाजिब वी छै।
ते संयमी, पत्तिव्रता, घरा ची कारोबार करने आली, भली ते आपणे आपणे मुणसा चे अधीन रेहणे आली हो, ताकि नरीकारा चे वचना ची निन्दा ना हो सग़ो।
हे घराआलीया तम्ही वी आपणे मुणसा चे वशा मां रिहा। ऐवास्ते कि अगर यांचे महु कुई इसड़े हो जको वचन नु ना मनते हो, तांवी तम्चे भय लारे पवित्र चाल-चलन नु ङेखती कर बिना वचन चे आपणी-आपणी घराआली चे चाल-चलन चे जरिये छिकिती जाओ।