ते वां लौका ने असतरी नु केहले, “हमा अम्ही दुधे केहणे लारे ही विश्वास ना करु, कांकि अम्ही आप ही सुणती गेले, ते जाणु कि हाओ ही सच्चमां संसारा चा उद्धारकर्ता छै।”
जको नाश हुवी पले, वांचे वास्ते अम्ही मौत ची भयानक बद्दबू छिऊं। जको उद्धार गेहणे आले छी वांचे वास्ते अम्ही जीन्दगी ची खुश्बु छिऊं। पर काये मां छै इसड़े काम करने ची काबलीयत?
कांकि अम्ही वी पेहले, बेअक्कल, ते आज्ञा ना मनणे आले, ते वहमा मां ढेले आले, ते हर हेक रंगा ची इच्छा ते सोख भोग़णे चे गुलाम हुते, ते बैरबन्दी, ते खार खाणे मां जीन्दगी गुजारते, ते किज़ड़े हुते, ते हेके ङुजे लारे बैर राखते।
अगर तम्ही ओनु ङेखले कोनी, बल्ति वी तम्ही ओचे लारे प्रेम राखा। अगर तम्ही ओनु हमा ङेख ना सग़ा, पर बल्ति वी ओचा विश्वास करा ते हर हेक इसड़ी खुशी लारे भरीले आले छिवा, जको गिणती चे ब़ाहरु ते महिमा लारे भरीला आला छै।
हेक इसड़ा पत्थर जाये कनु वे ठोकर खई, हेक इसड़ी चट्टान जाये उपर वे फिसलती कर ढेती पड़ी।” वे वचना मां विश्वास ना करने चाहवी, ऐवास्ते वे ठोकर खाती कर ढेती पड़ी। हाओ वांचे भाग़ा मां लिखले पले।