“तम्ही का सोचा पले? अगर कुई इन्साना चा साऔ भेङा हो, वांचे महु हेक भटकती जाओ, तां का ओ निन्याणवे नु छोड़ती कर, ते पहाड़ा उपर जती कर, वे भटकली आली नु नी सोधी?
ऐवास्ते आपणी ते पुरे झुन्डा ची ङेख-रेख करा, जाये मां पवित्र आत्मा ने तम्हानु नु मुखिया ठहराले कि तम्ही नरीकारा ची कलीसिया ची रखवाली करा, ओणे तम्हानु आपणे पूता चे लुहींया लारे मोल गेहती गेले।