कांकि अम्ही आपणे विवेक ची, ये ग़वाही उपर घमण्ड करु, कि दुनिया मां ते खास करती तम्चे बीच मां, अम्चा व्यवहार नरीकारा चे जरिये ङिली गेली पवित्रता ते सच्चाई सहित रेहला, जको संसारिक ज्ञान चा कोनी, पर हेको नरीकारा चे अनुग्रह चा नतीजा हुता।
येही वजह मैं ऐ कैदखाने चे ङुखा नु चवे पला, पर शर्म ना करी, कांकि मैं ओनु जाये उपर मैं विश्वास करला, जाणे पला, ते मनु पक्के छै कि जको मनु सोंपला गेला ओ आखरी ङिओ तक रखवाली करी।
ना तां बलिदाना चा भेंटा करले जाणे खत्तम ना हुती जईया? इसड़े हुवीया तां नरीकारा चे गोढु आणे आले हेक ही बार मां शोद्ध हुती जईया, तां बल्ति वांचा विवेक वानु पापी ना ठहरावीया।
पर अगर गन्दे कामा चे वजह तम्हानु कोटले मारले जाये, ते तम्ही ओनु सहन करा तां ते ऐचे मां बढ़ाई ची का बात छै? अगर तम्हानु तम्चे आच्छे कामा चे वास्ते सताले जाये तां नरीकारा चे सामणे बढ़ाई चे लायक छै।