12 तभई के मारे नियम पवित्र है, और आग्या पवित्र, धर्मी और अच्छी है।
12 तओ हम जा कहे सकत हएं, कि नियम कानुन पबित्र हए। और आज्ञा पबित्र, धर्मी और अच्छी हए।
जौ युग के जैसे मत बनौ; लेकिन तुमरे मन के नये हुई जान से तुमरो चालचलनौ बदलत जाबै, जोसे तुम परमेस्वर कै अच्छी, और बाकै भान बारी, और परख की सिद्ध इच्छा अनुभव से मालुम करत रहबौ।
का जाको मतलब जौ है कि जौ बिस्वास से हम नियम को पालन करथैं? नाय, कतई नाय; जाके अलावा, हम नियम कै बनाये रखाथैं। बल्किन नियम कै निठाठौर एकै जघा रखथैं।
हम जानथैं कि नियम तौ आध्यात्मिक है, लेकिन मैं सारीरिक हौं और पाप के हात मैं बिको भौ हौं।
काहैकि मैं जो कहथौं, बहे करथौं, जासे पता लगथै कि मैं मानथौं कि नियम ठीक है।
हम जानथैं कि नियम अच्छो है, अगर जाको इस्तमाल करो जाथै, जैसो कि जाको इस्तमाल करो जानो चाहिए।