कतई नाय! पर परमेस्वर सच्चो है और सबै इंसान को न्याय होगो, जैसे कि लिखो है, “जब तुम बोलथौ तौ तुमकै सई से बोलनो चहाईये; और जब तुमरे ताहीं कोसिस करी जात होबै तौ तुमकै अपनो मुकदमा जीतनो चहाईये।”
काहैकि हम खुद एक बार मूर्ख, आग्या ना मानन बारे और गलत रहैं। हम सब तरहन की इच्छा और सुख के गुलाम रहैं। हम जो अपनी जिंदगी, डाह और जलन ऐसी जिंदगी जीत रहैं, और दुसरे हमसे नफरत और हम उनसे नफरत करत रहैं।
लेकिन डरपोक, अविस्वासी, लुटेरा, हत्यारे, जादू टोना करन बारे, मूर्ति की पूजा करन बारे, और सब झूटेन के ताहीं जघा आगी और गंधक से जलत भइ झील है, जौ दूसरी मौत है।”