लेकिन “अगर तेरो बैरी भूंको होबै तौ बाकै खानु खबा, और अगर प्यासो होबै तौ बाकै पानी पिबा; काहैकि ऐसो करन से तू बाकी मुड़िया मैं आगी के अंगरन की ढ़ेरी लगागो।”
सबै आदमी अपने आप सासकीय अधिकारियन के सुपर्त रहमैं, काहैकि कोई को अधिकार ऐसो हईये नाय जो परमेस्वर के घाँईं से ना होबै; और जो अधिकार हैं, बे परमेस्वर के बनाये भै हैं।
बुराई के संग बुराई या स्राप के संग स्राप कै मत भुगतौ; जाके बजाय, आर्सिवाद के संग बापस भुगतान करौ, आर्सिवाद बौ है जो परमेस्वर तुमकै देन को वादा करी रहै जब बौ तुमकै बुलाई रहै।