प्रकाश 4:8 - परमेस्वर को सच्चो वचन8 और चारौ जीव के छै-छै पंख हैं, चारौ तरफ और भीतर आँखी ही आँखी हैं; और बे रात-दिन बगैर सैंताए जौ कहते रहथैं, “पवित्र, पवित्र, पवित्र, सर्वसक्तिमान प्रभु परमेस्वर, जो रहै, और जो है, और जो आनबारो है।” Faic an caibideilराना थारु नयाँ नियम8 बे चारौ जिन्दा प्राणीनके छय-छय पखना रहएं और बे पखनाके बाहेर और भितर दुनौ घेन आँखीसे भरे रहएं। रातदिन बे अइसे कहातए गात रहात रहएं, “पबित्र, पबित्र, पबित्र परमप्रभु सर्बशक्तिमान परमेश्वर, बा बहे परमेश्वर हए जो समयकी सुरुवातसे लैके अबतक और हमेसाके ताहीं नाए बद्लत हए।” Faic an caibideil |