18 लेकिन तुमरी मुड़िया से एक बार भी बाँका ना होगो।
18 पर तहुँफिर तुमर मुणको एक बार टुटन तक फिर नुक्सान नाए हुइहए।
और तुमरे मूड़ के एक बार तक भी सब गिने भै हैं।
हिंयाँ तक कि तुमरी मुड़िया के बार भी गिने जा चुके हैं, इसलै डराबौ मत; तुम भौत गौरैयन से जाधा बढ़कै हौ!”
मेरे नाओं की बजह से तुमकै भौत नफरत मिलैगी।
जहे ताहीं मैं तुमसे नहोरे करथौं कि कछु खाए लियौ, जोसे तुमरी ज्यान बच जाए; काहैकि तुमरे मूड़ से एक बार भी न गिरैगो।”