बाको मालिक बासे कही, ‘धन्य है अच्छो और बिस्वास के काबिल सेवक, तैं थोड़ी मैं बिस्वास के काबिल रहो; मैं तोकै तमान चीजन को हकदार बनांगो। अपने मालिक की खुसी मैं मिल जा।’
पर अगर बौ सेवक अपने मन मैं सोचन लगै, कि मेरो प्रभु आन मैं देरी कर रौ है, और दुसरे दास और दासियन कै मारनो-पीटनो सुरू कर देबै, और खाए-पीकै नसा मैं होन लगै,
इसलै मैं तोकै सलाह देथौं, कि सेठ होन के ताहीं मोसे सुद्ध सोना मोल लेबौ। और खुदकै तैयार करन के ताहीं सेतो लत्ता भी मोल लेबौ ताकी अपनी सर्मनाक नंगेपन कै ढकौ। और अपनी आँखी मैं लगान के ताहीं मलहम ले ताकी तुम देखन लगौ