भईय्यौ और बहेनियौ, खुद के मस्काए जान के बारे मैं सोचौ, कि नाय तौ सरीर से भौत ग्यान बारे, और नाय भौत सामर्थी, और ना भौत समाज मैं नाओं बारे मस्काए गै रहौ।
का तुमरे झोने पहले से सब कछु है जो तुमकै चाहिए? का तुम पहलेई से सेठ हौ? का तुम राजा ना हौ, भलेई हम ना हैं? खैर, मेरी इच्छा है कि तुम बास्तव मैं राजा रहो, ताकी हम तुमरे संग मिलकै राजा बन सकैं।