“हे प्रभु, कौन तोसे ना डरागो? और तेरे नाओं की महिमा ना करैगो? काहैकि सिरफ तू ही पवित्र है। और सब जाति आयकै तेरी आराधना करंगे, काहैकि तेरे न्याय के काम सब देखरै हैं।” काहैकि तू ही एक पवित्र है जो सब देस तेरो धन्यवाद करंगे।
और चारौ जीव के छै-छै पंख हैं, चारौ तरफ और भीतर आँखी ही आँखी हैं; और बे रात-दिन बगैर सैंताए जौ कहते रहथैं, “पवित्र, पवित्र, पवित्र, सर्वसक्तिमान प्रभु परमेस्वर, जो रहै, और जो है, और जो आनबारो है।”