“कोई भी एक संग दुई मालिक की सेवा नाय हुई सकथै; काहैकि बौ एक से नफरत करैगो, और दुसरे से प्यार करैगे; एक के प्रति बफादार रैहगो और दुसरे को तिरस्कार करैगो। तुम धन की और परमेस्वर की सेवा नाय कर सकथौ।”
उनकी आँखी हमेसा व्यभिचार से भरी रहथैं; पाप के ताहीं उनकी भूंक कहुए नाय रुकथै। बे चंचल मन बारेन कै फुसलाए लेथैं। उनके मन लालची होन के ताहीं सीखे भै हैं। बे परमेस्वर के अभिस्राप के तहत हैं!
जब बौ जे सबन के बारे मैं लिखथै, तौ बौ खुद की सबै चिट्ठी मैं जहे कहथै। उनकी चिट्ठी मैं कुछ टेहड़ी बात हैं जो अग्यानी लोग गलत तरीका से समझाथैं, जैसो कि बे दुसरी पवित्र सास्त्रन के संग करथैं। तभई बे बिनास के घाँईं लै आथैं।