16 तौ का तुमसे सच बोलन के बजह मैं तुम्हारो दुस्मी हुई गौ हौं?
16 और अब अइसो लगत हए, कि मए तुमर दुस्मन बनिगओ हओं, काहेकी मए तुमके सच्चो बात कहेरहो हओं।
जौ दुनिया तुमसे बैर ना रख सकथै, पर बौ मोसे बैर करथै, काहैकि मैं बाके बिरोध मैं जौ गभाई देथौं, कि बाके काम बुरे हैं।
पर मैं जो सच बोलथौं, इसलै तुम मेरो बिस्वास नाय करथौ।
और जब मैं जौ देखो कि बे आदमी सुसमाचार की सच्चाई मैं नाय चल पाए रहे हैं, तौ मैं सबन के सामने पतरस से कहो, “तुम एक यहूदि हुईकै गैर यहूदि के हानी जिंदगी जी रहै हौ तौ का तुम गैर यहूदियन कै यहूदिन के तराहनी जिंदगी जीन ताहीं मजबूर कर सकथौ?”
हम एक घड़ी के ताहीं उनकी गुलामी नाय अपनाय, कि सुसमाचार कि सच्चाई तुम सबन मैं बनी रहबै।
तुम भौत खुस रहौ! अब बौ तुम्हारी खुसी कहाँ गई? मैं तुमरो गभा हौं, कि अगर हुई सकतो, तौ तुम मोकै अपनी आँखी निकारकै दै देते।
बे तुमकै दोस्त बनानो तौ चाहथैं, लेकिन अच्छी मनसा से नाय; बल्किन तुमकै मोसे अलग करनो चाहथैं, कि तुम उन्हईं के संग हुई जाबौ।
तुम तौ निरे अच्छी तरह से एक मसीह को जीवन जीत रहौ! लेकिन अब कोई तुमकै रोक दई, कि सच्चाई कै नाय मानौ?