और जब हम सब जमीन मैं गिर पड़े, तौ मैं इब्रानी भासा मैं, मोसे कहत भै जौ अबाज सुनो, ‘साऊल, साऊल, तैं मोकै काहे सताथै? पैंना मैं लात मारनो तेरे ताहीं मुस्किल है।’
लेकिन तैं उठ, अपनी टाँग के बल ठाड़ जा; काहैकि मैं तोकै जहे ताहीं दर्सन दौ हौं कि तोकै बे बातन को भी सेवक और गभा ठहरामौ, जो तैं देखो है, और उनको भी जोमैं तोकै दर्सन दिखांगो।