प्रेरित 25:11 - परमेस्वर को सच्चो वचन11 अगर मैं कानून तोड़ो हौं और कछु करो हौं, तौ जाके ताहीं मैं मौत की सजा के लायक हौं, और मैं जासे बचन के ताहीं ना कहथौं। लेकिन जो बातन को जे मेरे ऊपर इल्जाम लगाथैं, अगर उनमैं से कोईये की बात एक सी नाय बैठी, तौ कोई मोकै उनके हात मैं नाय सौंप सकथै। मैं सम्राट कैसर से अपील करथौं।” Faic an caibideilराना थारु नयाँ नियम11 अगर मए अपराधी हओं, और मए ज्यान सजाय पानको लायकको काम करो हओं कहेसे मरनके ताहीं मए इन्कार नाए करंगो। अगर जे मोके लगाइभइ दोषमे कुछु सच्चाई नाए हए, तओ कोइके हियाँ अधिकार नाए हए, कि मोके जे यहूदी अगुवनके हातमे सौँपएं। मए बिन्ती करत हओं, कि मिर न्याय रोमको महाराजा अपनए करए।” Faic an caibideil |