1 “एको मंघा मि ना धरती को च्यार कोन्टा मा च्यार सरग दूत उभो चोवयो। वय धरती को चारो कन को वारा ला थाम लियो होतीन। जोनलक धरती या समुंदर या कोनी झाड़ मा वारा नही चलहेति”
अना उ पुरो धरती मा फैलो हरेक देसला छलन को लाय हीट जाहेत, अना वा गोग अना मागोग ला छलेत। उ उनला लड़ाई को लाय जमा करयेत। वय समुन्दर को रेता को बराबर होतिन।
उन लक कव्हयो गयो, “का ना धरती को गवथ ला ना कोनी हरियाली ला न कोनी झाड़ ला हानि पहुचाव, बलकि ओनो मानूस गीन ला हानी पहुचाव जिनको मस्तक पर परमेस्वर को छाप नाहती।”