4 काही भी होय, सरदीस मा तोरो जवर काही लोक असा सेत। जिनना आपरो कपरा अपवीतर नही करयो सेत। वय पाँढरो कपरा घालत हुयो, मोरो सँगा चलेत फिरेत। काहेकि वय यो काबिल सेत।
की जो काही तु देखीसेस ओला किताब मा लिख अना सात कलीसिया गीन को नाव धाड़ मजे इफिसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थुआतीरा, सरदीस फिलोदिपिया अना लौदीकिया ला धाड़ देव।
उतरो च बेरा मोठयो भुयीडोल आयो, अना नगर को दसवा हिस्सा पड़ गयो। अना 7,000 लोकगीन मर गयीन। अना जोन लोक बचयो होतिन वय डराय गयीन। अना सरग को परमेस्वर को महीमा करन लगीन।
वय असो मानूस होतिन। जोनना कोनी बायको को संग सोय के अपवितर नही भयो होतिन। काहेका वय कुंवारो होतिन। यो वय होतिन जोन पाठी को मघा-मघा जावत होतिन। यो लोकगिन सारी मानूस जाति लक उनला दाम देयकर बन्धन ले छुड़ायो गयो लोक होतिन। वय परमेस्वर अना पाठी को लाय फसल के पयलो फर को रूपमा होतिन।
उ जो जीत जाहे, उ असोच रिति लक पांढरो कपरा घालयेत। मी जिंदगी को किताब मा लक वोको नाव नही मिटाहुं। बलकी मी ता वोको नाव ला, आपरो दआजि परमेस्वर अना ओको सरगदूत गीन को पुढ़ा मनता देहिन। नाव मान लेहूं।
एको बाद मिना चोवयो, अना दिसयो का हरेक कबिला, अना कुल अना लोकगीन अना भासा मा लक, एक असी लोक को गरदी, जेनला कोनी नही गीन सकत होतो। पाँढरो कपरा डाकयो, अना आपरो हात गीन मा खजुर की डारी गीन लियो हुयो, राजगद्दी को पुढ़ा अना मेढ़ा को पुढ़ा उभी दिसयो।