वहाच लीदिया नाव को बाई होती। वा किमती बैंजनी कपरा को धंधा करत होती। अना परमेस्वर की पिराथना करत होती। वा आमरी गोस्टी आयकत होती। पिरभू ना ओको मन को बेसकुड़ खोलिस। जोनलक वा पौलुस की गोस्टी धियान देयके आयके।
अना योच गोस्टी मीना तुमिला एकोलाय लिखी सेऊ, का जबा मी तुमरो जवर आहिन, ता जोन लक मोला खुसी मीलनो से, उनको लक मोला दुख ना पोहचायो जाय। मोला तुमी सब मा यो गोस्टी को भरोसा सेत, का जोन मरो खुसी सेत वा तुम सब को सेत।
असो नोको होवा का अदी कोनी मकिदुनिया को रहवन वालो मोरो संग आहे अना तुमला तैय्यार नही देखके त होय सकासे का एना भरोसा को कारन हमी यो नही कव्हजन का तुमरी बेईज्जती होय।
एकोलाई अगा मोरो चहेतो, जेना तरीका लक तुमी हमेसा लक हुकूम मानतो आयासेव, वसोच अबा भी नही केवल मोरो संग रव्हत हुयो पर खास रुप लक अबा मोरो दुहूर रव्हन पर भी भेव लक अना कापत हुयो आपरो-आपरो मुकती को काम पूरो करत जावो;
आमरो बिस्वास को नेता अना वोला पुरो लक उसे सिद्ध करन वालो यीसु पर नजर लगावो। जोनला आपरो समोर हाजिर आँनद को लाय कूरूस मा दुख झेलयो, वोको लाजको कोनी चिंता नहीं होतयो। अना परमेस्वर को सिंघासन को उजो हातमा बस गयो।
अता परमेस्वर, जोन सब पर किरपा करा सेत, जोना तुम्हिला मसीह को बीच मा अमर बेरा को गौरव काजी बुलायो सेत। तुम्ही काही काल सहन करनो को बाद तुम्हीला सिद्ध अना सामरथवान करहेत।
परंतु परमेस्वर को दिवस चोर जसो आवन वालो सेत। वोना दिवसी बादल मा मोठ्या गरजन होहेत अना नास भयी जाहेत। अना सब चीज पिघल जाहेत अना धरती अना वोका वरी काम को नियाव होयेत।