5 मंग बालजबूल वोला, वरता उठायके ना ले गईस, अखीन पलभर मा जग को राज चोवाइस।
यो परमेस्वर को राज को साजरो बारता सारो संसार मा लोकगीन जवर मुनादी करयो जाहेत। तबा सारो, संसार मा गवाही भय जाहेत तबा आखीर आ जाहेत।
मंग बालजबूल ओला एक लगत मोठो पहाड़ पर ले गईस, अना सारो जग को राज माया महिमा चोवाय के
यो एक जरा देर मा मिन्दी मारतच, आखरी तुर्रा को बाजन को बेरा होहेत। काहेका तुर्रा बजेत, अना मरो हुया मानुसगिन अमर दसा मा जित्तो भई जाहेती।
अना यो दुनिया को चीज ला, असो काम मा लावो, मानो वोको कोनी जरूरत नाहती। काहेका दुनिया को यो रुप बदलतो जाय रव्होसेव।
काहेकि आमरो जरासो देर को दुख आमरो लाई लगतच काम की अना अमर महिमा परगट करत जावसे,
जोन मा तुमी पयले ऐना संसार की बुरी रिती पर चलत हुयो अना ओनो आतमा को पिछा करत हुयो जीवत होता जो ऐना धरती को वरता की आत्मिक सक्तिहुन को मालिक सेत। वा आतमा अब उन मानुसहुन मा काम कर रही सेजोन परमेस्वर की हुकूम नही मानासेत।
काहेकि आमरो लड़ाई ता तन को लक नहाय, बल्कि सब लक मोठो मुखिया, अधिकारी अँधियारो को संसारिक ताकत अना दुस्टता राखन वालो आतमिक सेना लक से, जोन बादल मा रव्हसेत।