10 अना धनी आपरो गरीबी दसा मा गरब करे काहेका वोको जिंदगानी; जंगल को फूल अना गवथ जसो बीत जाहेती।
धन्य सेत वय, जो मन को गरीब सेत। काहे का सरग को राज उनको सेत।
एकोलाय जबा परमेस्वर बर्रा की गवथ ला, जो आज से अना काल स्तो की भट्टी मा झोकी जाहे, असो कपरा पहिनासे, ता हे कच्चो भरोसा वालो, तुमी ला उ उन लक बड़के, काहे नही पहिनाहे?
अना यो दुनिया को चीज ला, असो काम मा लावो, मानो वोको कोनी जरूरत नाहती। काहेका दुनिया को यो रुप बदलतो जाय रव्होसेव।
एकोलक बड़के मि आपरो पिरभु यीसु मसीह को गियान को मोठो महिमा को काजी सबच गोस्टी ला बेकार समझासेउ। जोको काजी मिना सब चीजगीन को हानि उचली सेऊ।
एना संसार को धनी वारा ला हुकूम देईस का वय गरबिला नही होय अना चंचल धन पर आस नही राखेत पर परमेस्वर पर जोन हमरो सुख को लाई सब काही लगत देवासे।
अखीन यो नही जानासेव का काल काजक होहे आयक त लेव लेने तुमरो जीवन से का? तुमी त धुंगा को जसो सेव जोन जरासी बेरा चोवासे अना लोप भईजासे।
काहेकी “हर एक देह गवथ को जसो से, अना वोकी सबरी महिमा गवथ को फूल को जसो से। गवत सूख जासे अना फुल झड़ जासे।
यो संसार आपरी लालसा हुन अना मरजीहुन सकट खतम होतो जाय रही से पर उ जोन परमेस्वर को मरजी ला मानासे, अमर होय जासे।