तबा मिना उन ला साँगियो की रोमी की यो नियम नाहती। कोनी मानूस जबा तकन की दोस लगावन वालो को पुढ़ा होयके, आपरो बचाव मा जवाब देवन को मौका नही मिलहेत। तब तकन, ओला सजा को लाई कोनी सुपरुत नही कर सकत।
चोवो परमेस्वर ना तुमरो यो उदासी लक का भयो, तुमी कितरो ईमानदार सेव, अना निरदोस सेव यो साबीत करन काजी असो भई सेत। तुम मा जोन गुस्सा अना पलटा लेवन को बिचार, भेव अना खूब जोस पैदा भयो तुमीना हरेक परकार लक दिसायो का तुम निरदोस सेव।
तुमी मोरो मन मा आय बसी सेव, एकोलाय का मि तुमी सब को लाई असोच बिचार करूसेऊ अना मोरी संग बंधन मा रव्हन मा अना साजरो बारता को लाई जवाब अना सबुती देवनो मा तुमी मोरो संगा धरमी अना दया मा संगी सेव।
खुद को मनमा पिरभु मसिहा को सन्मान करा। अदी कोनी तुमरो लक तुमरो बिस्वास को बारे मा विचारेत तर जवाब देवन साटी हरामेसा तइयार राहा। पर नरमाई अना भेव को संग।