पर अगा भाऊ हून हमी तुमरो लक जारासी उसीर को साठी बेगरो कियो गया होता। आतमा (दिल) मा नही पर देह मा एको लाई मोठी आस को संग तुमरो चेहेरा देखन को काजी लगत कोसीस करता रहया।
परमेस्वर उनको डोरा लक हरेक आँसू पोछ देहे। अता लक मिरतू पायो न जाहे। अता ना कलपनो, ना रोवनो अना नाच कोनी दरद रहेत। काहेकि जो पहली गोस्टी होतीन, अता वय नही रहीन।