जोको लाई मि साकल लक बँधयो हुयो राजदुत जसो सेवा कर रही सेउ। पिराथना करने की मि जेना रीती लक मोला बोलनो से, ओनोच रिती लक बगैर डर को संगा साजरो बारता को पिरवचन कर सकु।
एना कारन मी एना दुखगीन ला भी उचला सेऊ पर सरमाऊ नही काहेकी मी वोला जेनको पर मीना भरोसा करीसेऊ जानासेउ अना मोरो पक्को से का उ मोरी पुंजी की वोनो दिवस तकन देख-रेख कर सकासे।
तुमीना आपरो जोन लोकगीन जेलमा होतिन उनको सुदी लियो अना जबा तुमी लोकगीन को धन जपत कर लियो गयो तो तुमीना हूँ लक चूँ नही कव्हयो, काहेका तुमी जानत होतो का एको लक कही साजरा अना हमेसा को संपति तुमरो कठा सेत।
परमेस्वर बैईमान नाहती। उ तुमारो काम अना तुमरो पिरेम ला, नही बिसरा सकत। जो तुमी ना वोको नाव को महिमा को लाय करयो सेव। अना पवीतर सन्तगिन को सेवा करासो, अना अबा भी करासो।