जोन बिहा करन लक रोखेत अना जेवन की कोनी चीज गीन लक परे रहवन को हुकूम देहेत जीनला परमेस्वर ना यो काजी बनाइसेत का बिस्वासी खराई ला ओरखन वालो उनला धन्यवाद को संग खाय।
वा जेतरी आपरो बड़ाई करके जितरो सुक भोगिसेत, तुमी भी ओला ओतरो च परेसानी अना कस्ट देव। काहेकि उ मन च मन कव्ह से, “मि ता रानी जसो सेव। मि बेवा नहीं सेव, मोरो कबच आंसु नही बहेत।”