अना वय कहानी गीन अना कबच न खतम होवन वारो खानदान पर मन नोको लगावना जेनको लक झगड़ा राड होवासे अना परमेस्वर को वोनो इन्तेजाम को जसो नही जोन बिस्वास पर बनायो हुयो से वसोच मी कव्हसू।
यो जानके की मोसे को नियम न्यायी जन को साठी नाहती पर अधरमी गीन, बेलगाम महुन, बिन भक्तिवारा, पापी गीन, अपवितर गिन अना असूध्द मानूसगिन, माय बाबुजीगीन ला मारन वालो, जान लक मारनवालो,
एको मा सक नहाय का भक्ति को भेद गम्भीर से अना उ जोन हिरदय मा परगट भईसे, आतमा ना सच्चो अना धरमी ठहरायो, सरगदूत गीन ला चोवाईस गैरयहुदी लोक गीन मा, वोको परचार भयो संसार मा, वोको बिस्वास करयो गयो अना, महिमा मा वोरता उठायो गयो।