पर अगा भाऊ हून हमी तुमरो लक जारासी उसीर को साठी बेगरो कियो गया होता। आतमा (दिल) मा नही पर देह मा एको लाई मोठी आस को संग तुमरो चेहेरा देखन को काजी लगत कोसीस करता रहया।
एना कारन जबा मोरो लक अखीन न सहयो गयो त मीना तुमरो भरोसा की घटना जानन लाई धाड़ियो, काही असो नही होवा का परखन वालो न तुमरी परिक्सा करी रहेस अना हमारो महेनत बेकार भय जाहेत।