8 सुबेदार केदो, “ए मालीक मे एतरो वारु नी हय के तु मारा घोर आवे। पण तु एकीत बोल कीदे ता मारो पावोर आरगो हय जहे।”
मे ते तमने पाप भणी गेथु मन फीरवीन भगवान वगा वळवा करीन पाणी सी बपतीस्मा आपु; बाखीन जे मारी अळतेण आव्वा वाळो से, तीहयो मारी गेथो घणो सक्ती वाळो से। मे तीना खाहड़ा उचलवा नी लायक बी नी हय। तीहयो तमने चोखली आत्मा अने आक्ठु सी बपतीस्मा आपहे।
युहन्नो आहयु केतो जाय्न ईसु ने रोकवा बाज ज्यो, मने तारा हात सी बपतीस्मा लेवा नी जरवत से, अने तु मारीन्तां काहा आय र्यो?
ईसु हात अगो करीन ईसम केतो जीन तीने छीम्यो, मारी मरजी बी आहयी से के तु वारु हय्न चोखो हय जा। अने तत्यारुत तीहयो वारु हय्न चोखो हय ज्यो।
ईसु तीने केदो, “मे आवीन तीने आरगो कर देही।”
मे आहयी वात जाणु काहाके मे बी एक अदीकार्यो से, अने मारा हात मे सीपायड़ा रेय। जत्यार मे एक ने केम “जा” ता तीहयो जाय अने बीजा ने, आव, केय, ता तीहयो आवे अने मारा पावर्या ने, आहयु कर, केम ता, तीहयो तीहयुत करे।